This post was most recently updated on May 20th, 2021
दोस्तों आपदा के समय कोई भी जानकारी चाहे वह गलत हो या सही है वह वायरस से भी ज्यादा तेजी से फैलती है जैसे कि 5G और कोरोना वायरस से संबंधित एक गलत न्यूज़ तेजी से फैल रही है जिसमें यह बताया जा रहा है कि Covid-19 की दूसरी लहर (Second wave of corona) के लिए 5G Network Radiation जिम्मेदार है।
आज के इस ब्लॉग में आपको बताने वाला हूँ कि क्या वाकई 5G Radiation भारत में कोरोना की दूसरी लहर के फैलने का कारण है? Does 5g Spread Corona.?)
Index
5G और Corona से जुड़े Fake Message
Whatsapp Message
“ये जो महामारी दूसरी बार आई है जिसे सब कोरोना का नाम दे रहे है ये बिमारी कोरोना नहीं 5g टावर की टेस्टिंग की वजह से है टावर से जो रैडिकशन निकलता है वो हवा में मिलकर हवा को ज़हरीला बना रही है इसलिए लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और लोग मर रहे हैं। इसीलिए 5g टावर की टेस्टिंग को बंद करने की मांग करिए फिर देखिए सब सही हो जाएगा।
सिम्टम्स ऑफ 5G नेटवर्क रेडिएशन
1. 5G नेटवर्क रेडिएशन के कारण घर में हर जगह हल्का सा करंट
महसूस हो रहा है।।।
2. गला कुछ ज्यादा ही सूखना प्यास ज्यादा लगना ।।
3. नाक में कुछ पपड़ी जैसा जमना पपड़ी में खुन दिखना । यदि आपके साथ वास्तव में ऐसा हो रहा है तो समझ लीजिए कि इस
हानिकारक 5G नेटवर्क रेडिएशन का हमारे ऊपर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है।
नोटिस:- जैसे 4G रेडिएशन ने चिड़ियों पंछियों को खत्म किया था वैसे ही 5G रेडिएशन जीवों और मानव जाती के बहोत ही ज़्यादा
हानिकारक है
वक़्त रहते इसका एक जुट होकर कर विरोध करें ।।
और वक़्त हो तोह इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर करें ।।”
Twitter Messages


हालांकि US और UK में 5G Network से संबंधित Fake News अप्रैल 2020 से फैल रही है और बहुत सारी जांच एजेंसी और न्यूज़ एजेंसी इस बात का खंडन कर चुके हैं और यह जानकारी दे चुके हैं कि 5G का कोरोना वायरस के फैलने से कोई संबंध नहीं है। 5G मानव शरीर की इम्यून सिस्टम या शारीरिक गतिविधियों पर कोई गलत प्रभाव नहीं डालता है।
आज मैं आपको इस मैसेज मैसेज से जुड़ी पूरी सच्चाई बताने वाला है जिसमें डब्ल्यूएचओ और विभिन्न स्वास्थ्य संगठन और रिसर्च इंस्टीट्यूट का क्या कहना है आप सब कुछ इस ब्लॉग में जानेंगे।
Network रेडिएशन और Fake न्यूज़ का इतिहास
5G क्या है? इसका Electromagnetic Spectrum कितना सुरक्षित है? (What type of Radiation is 5G.?)
5G network को 2018 की शुरुआत में दुनिया के कुछ हिस्सों में लांच किया गया था और कुछ देशों में इसका उपयोग हो रहा है। यह नेटवर्क हमें High Internet Speed देता है, जिससे डाटा की लोडिंग और Transmission, Reception बहुत तेज गति से होता है। इसका मतलब है कि एक ही नेटवर्क को बहुत सारे लोग एक समय पर बिना किसी परेशानी (Slow Internet Speed, Slow Loading) के बिना उपयोग कर पाएंगे।
BBC में प्रकाशित SCAMP/Imperial College London/EBU की जानकारी के अनुसार 5G Network Radiation और अन्य मोबाइल टेक्नोलॉजी से निकलने वाली रेडियो तरंगे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम ( Electromagnetic Spectrum ) के सबसे Low Frequency क्षेत्र में आती हैं जो कि दृश्य प्रकाश या Visible Light की Frequency से भी कमजोर हैं।

Source: BBC
5G Radiation का मानव शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ? ( 5g Radiation Effects on Human Body in Hindi )-
सोशल मीडिया पर 2 अफवाह बहुत ज्यादा फैल रही हैं-
- पहला यह कि 5G प्रतिरक्षा प्रणाली को दबा सकता है, इस प्रकार लोगों को वायरस संक्रमण की चपेट में आने के लिए अधिक संवेदनशील बनाता है।
- दूसरा सुझाव है कि वायरस किसी भी तरह 5G तकनीक के उपयोग से प्रेषित (Transmit) किया जा सकता है।
Reading University में Celluler Microbiology में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. साइमन क्लार्क द्वारा BBC को दिए एक इंटरव्यू में कहा गया है कि “ये दोनों धारणाएं पूरी तरह से बकवास हैं।”
डॉ. क्लार्क कहते हैं, “5G आपके प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करता है यह बात सिद्ध नहीं है”
“आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कई प्रकार की चीज़ों से कमजोर हो सकती है, जैसे – एक दिन ज्यादा थके होने से, या एक अच्छा आहार नहीं लेने से। ये उतार-चढ़ाव बहुत बड़े नहीं होते हैं लेकिन आपको वायरस के संक्रमण के लिए अधिक संवेदनशील बना सकते हैं।”
बहुत मजबूत रेडियो तरंगें गर्मी का कारण बन सकती हैं, लेकिंग 5G कहीं से भी इतना मजबूत नहीं है कि इसकी गर्मी लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सके।”
“रेडियो तरंगें मनुष्य की Physiology को बाधित कर सकती हैं अगर वे आपको गर्म करती हैं तो, जिसका अर्थ है कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से कार्य नहीं कर सकती है। लेकिन 5G के Energy Level बहुत छोटे हैं। वे प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं हैं। इस पर बहुत सारे अध्ययन किये जा चुके हैं। ”
5G से नहीं तो फिर कैसे फैल रहा है Corona Virus.?
5G Radiation से किसी भी प्रकार के वायरस का संक्रमण असंभव है यह वायरस सिर्फ एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे संक्रमित व्यक्ति में फैल सकता है और यही सच है। Virus और Electromagnetic तरंगे जिनसे कि मोबाइल और नेटवर्क काम करते हैं दोनों ही बिल्कुल अलग चीजें हैं इनका आपस में कोई संबंध नहीं है।
COVID-19 के वायरस फैलने का मुख्य कारण किसी संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने और बोलने के दौरान निकलने वाले श्वसन कण या बूंद (Droplets) हैं। लोग संक्रमित सतह छूने के बाद आंख, नाक, और मुंह को छूने से भी संक्रमित हो सकते हैं।
5G launch हो चुके और नहीं हुए देशों में Corona की स्थिति क्या है?
ब्रिटेन जैसे देशों में भी Corona बहुत तेजी से फैल चुका था, जहां पर 5G अभी लॉन्च भी नहीं हुआ है। इसके अलावा ईरान में भी Corona तेजी से फैल चुका था, जहां पर अभी भी 5G नहीं आया है।
ऑस्ट्रेलिया, हॉन्ग कोंग, साउथ कोरिया, और न्यूजीलैंड जैसे देशों में अभी भी कोरोना के मरीज भारत की अपेक्षा बहुत कम है, जबकि इन सभी देशों में 5G Network काफी समय से उपयोग किया जा रहा है।
सतह या वस्तुओं पर यह वायरस लंबे समय तक जीवित रह सकता है इन सभी चीजों के संपर्क में आने से भी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमण फैल सकता है। इसलिए अपने हाथों को नियमित रूप से धोए या sanitize करते रहें।
WHO ( विश्व स्वास्थ्य संगठन ) ने भी कोरोना और 5G से संबंधित भ्रम को दूर करने के लिए यह बात कही है कि, “Virus रेडियो तरंगों और मोबाइल नेटवर्क से एक जगह से दूसरे जगह नही पहुंच सकता है। covid-19 बहुत से ऐसे देशों में भी है जहां अभी 5G नहीं है।”
“COVID-19 के वायरस फैलने का मुख्य कारण किसी संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने और बोलने के दौरान निकलने वाले श्वसन कण या बूंद हैं। लोग संक्रमित सतह छूने के बाद आंख, नाक, और मुंह को छूने से भी संक्रमित हो सकते हैं।”

Source: WHO
UNICEF द्वारा इस बात का खंडन पहले ही किया जा चुका है कि 5G Network से जीवित व्यक्तियों और जंतुओं को कोई भी नुकसान नहीं है। 5G से वायरस का कोई संक्रमण नहीं फैलता है। इसमें बताया गया है कि UNICEF के रिपोर्टर्स ने एक आर्टिकल ढूंढा जिसमें एक साइबेरियन साइंटिस्ट ने कहा है कि, “5G से डायबिटीज होना, पक्षियों का मरना, जीवित व्यक्तियों पर हानिकारक प्रभाव पड़ना और पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा।” यह सभी गलत जानकारी हैं, जिन्हें सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। उसने यह भी कहा कि, “नीदरलैंड में होने वाली पक्षियों की मौत भी 5G रेडिएशन के कारण ही हुई है।”
5g Radiation Effects on Birds- The Dutch Wildlife Health Centre, Erasmus University, and Ghent University द्वारा की गई एक रिसर्च में है पाया गया कि पक्षियों की मौत 5G Network या Radiation के कारण नहीं हुई है बल्कि संभवतः किसी जहर के कारण हुई है।
सारांश
किसी भी विषय के बारे में जानना या उसके बारे में जानकारी एकत्रित करना और दूसरों से शेयर करना अच्छी बात है पर किसी विषय के बारे में पूरी तरह जाने बिना गलत जानकारी को लोगों के बीच फैलाना गलत है। इस महामारी के दौरान कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी अफवाह किसी भी व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डाल सकती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि जब तक आप किसी भी बात के बारे में सही या गलत की जानकारी नहीं रखते हैं तो उसे बिल्कुल भी सोशल मीडिया पर वायरल ना करें।
दोस्तों अब आप जान चुके हैं 5G और Coronavirus के बीच कोई भी संबंध नहीं है। यह केवल अफवाह है। इसे सोशल मीडिया पर तेजी से फैलाया जा रहा है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और लोगों तक सही जानकारी पहुंचाएं।
Good sir…..thnku
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